तुम्हारा फोन आएगा
मैं उस दिन रो पडूंगा जब तुम्हारा फोन आएगा
न जाने किस घड़ी और कब तुम्हारा फोन आएगा।
तुम आके ख्वाब में बोली थी हमसे बात करने को
अभी तक आस में हॅू अब तुम्हारा फोन आएगा।
मुझे इस रात तन्हाई कहीं पागल न कर जाए
कि देखो ढल रही है शब तुम्हारा फोन आएगा।
मैं अब किस वक्त खाता हूँ मैं अब किस वक्त सोता हॅू
करने सारे जवाब-तलब तुम्हारा फोन आएगा।
रूठ कर फोन कट करना दोबारा फिर लगा देना
सताने को बिना मतलब तुम्हारा फोन आएगा।
तेरी आवाज सुन करके गमों को मरहम मिलता था
दिखाने फिर से वो करतब तुम्हारा फोन आएगा।
वो दस से चार का टाइम मुझे बेताब करता है
जगाने रात भर साहब तुम्हारा फोन आएगा।
लगाकर फोन होठों पे हमें चुम्बन सदा देना
कि फिर से चूमने ये लब तुम्हारा फोन आएगा।
इस बिछोह की अफवाहें मुझे जीने नहीं देती
निभाने इश्क का मजहब तुम्हारा फोन आएगा।
मैं अब तो भूल बैठा हॅू तसव्वुफ की सभी बातें
सिखाने फिर वो सारे ढब तुम्हारा फोन आएगा।
एक पत्थर ही बनके रह गया तुमसे बिछड़ करके
मुझे फिर से बनाने रब तुम्हारा फोन आएगा।
हुआ था ये भी एक वादा कि तुम जिस वक्त भी मुझको
आओगी याद तुम तब-तब तुम्हारा फोन आएगा।
✍️….. अमन सिंह गार्जन