बहुत सारा वक्त लगा बहुत सारा वक्त लगाबहुत सारे आंसूबहुत सारी हिम्मतउस बीते हुए कल को भुलाने के लिएजब तुम मेरे साथ थीं ।वक्त ने ऐसी करवट ली कि सब अधूरी तस्वीर के अधूरे हिस्से ही रह गए ।काश कोई ऐसा रिमोट होता जिससे तुम्हारी यादों के चैनल को बदला जा सकता ।काश कोई ऐसा इरेजर होता जिससे बीते हुए कल को मिटाया जा सकता ।अजनबियों के शहर में वो एक शख्स जो अपना बना था वो फिर से अजनबी बन सकता। ✍️….. अमन सिंह गार्जन